बात बीते हफ्ते की है. अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. वीजा और पासपोर्ट की जांच के बाद जब यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने उस कंपनी का रेफरेंस लेटर देखा, जिस कंपनी के दम पर भानू अमेरिका पहुंचा थातो इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के अफसर को शक हुआ. इसी के बाद जब उससे पूछताछ हुई तब ये खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.
अमेरिका जाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे. उसकी गिरफ्तारी की सूचना फौरन यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन यानी एफबीआई को दी. एफबीआई अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है. ठीक वैसे ही जैसे भारत की सीबीआई है. एफबीआई ने भारतीय एजेंसियों के साथ अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी की सूचना साझा की. पिछले गुरुवार को एफबीआई के तीन अफसर भारतीय एजेंसियों के कई अधिकारियों से मिले. उन्हें अनमोल बिश्नोई के हिरासत में होने की ऑफिशियल जानकारी दी. अधिकारियों ने एफबीआई को भारत में किए गए अनमोल बिश्नोई के गुनाहों की जानकारी दी.
इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों में किए गए उसके जुर्म और एनआईए के उस डोजियर की कॉपी भी सौंपी, जिसमें उसे दस लाख रुपए का एक भगोड़ा आतंकवादी करार दिया गया है. पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के क़त्ल, सलमान खान के घर गैलेक्सी के बाहरशूटआउट और बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अनमोल बिश्नोई की भूमिका की भी एफबीआई को जानकारी सौंपी गई. इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मकोका कोर्ट को ये जानकारी दी थी कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के सिलसिले में अमेरिका में छिपकर बैठे अनमोल बिश्नोई की भूमिका को लेकर जांच जारी है.
क्राइम ब्रांच ने मकोका कोर्ट को ये भी बताया अनमोल बिश्नोई से पूछताछ के लिए उसे अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत लाने की कोशिश की जा रही है. इस सिलसिले में क्राइम ब्रांच विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और भारत में इंटरपोल की नोडल एजेंसी सीबीआई से लगातार संपर्क में है. अनमोल बिश्नोई के सिलसिले में तमाम जरूरी दस्तावेज भी सौंपे जा चुके हैं. इधर, जैसे ही कैलिफोर्निया में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी की खबर भारतीय एजेंसियों को लगी, वो सभी राज्य अब अनमोल बिश्नोई की कस्टडी लेने की कोशिश में जुट गए हैं. राजस्थान पुलिस को तो कुल 32 मामलों में उसे अनमोल बिश्नोई की तलाश है.
इनमें से 9 मामलों में उसके खिलाफ अलग-अलग अदालतों से अरेस्ट वारंट भी जारी हो चुका है. राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब और मुंबई पुलिस को भी अनमोल बिश्नोई की तलाश है. उसके खिलाफ सबसे ताजा मामला मुंबई में ही दर्ज है. इनमें से एक इसी साल अप्रैल में सलमान खान के घर पर शूटआउट का मामला जबकि दूसरा बाबा सिद्दीकी मर्डर केस का मामला है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय एजेंसियां एफबीआई को ये भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि अनमोल बिश्नोई भारत का एक भगोड़ा आतंकवादी है. इस सिलसिले में अलग-अलग अदालतों से जारी तमाम अरेस्ट वारंट एफबीआई को सौंपने की तैयारी की जा रही है.
इन तमाम कागजात को देखने के बाद ही एफबीआई ये तय करेगी कि अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत डिपोर्ट किया जा सकता है या नहीं. लेकिन उसको भारत भेजने का फैसला अकेले एफबीआई का भी नहीं है. सूत्रों के मुताबिक अनमोल ने भारत में खुद की जान को खतरा और झूठे मामलों में फंसाने की आड़ लेकर अमेरिका में ही उसे शरण देने या भारत ना भेजने की कोशिश में लगा है. एक बार जब शरण को लेकर सारी बातें साफ हो जाएंगी, उसके बाद ही अमेरिकी अदालत ये फैसला करेगा कि अनमोल बिश्नोई को भारत डिपोर्ट किया जाना चाहिए या नहीं. जाहिर है इसमें वक़्त लग सकता है.
हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही प्रत्यर्पण संधि है. लेकिन अनमोल बिश्नोई को भारत डिपोर्ट किए जाने में एक और अड़चन भी है. दरअसल उसकी अमेरिका में गिरफ्तारी उस वक्त हुई है, जब भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं. कनाडा पहले ही इल्जाम लगा चुका है कि उसकी सरजमीं पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ज़रिए कुछ प्रो खालिस्तानी नेताओं और पंजाबी सिंगर को निशाना बनाया जा रहा है. निज्जर हत्याकांड में भी लॉरेंस गैंग का नाम लिया गया था. इस हत्याकांड के तार भी अनमोल बिश्नोई से जुड़े होने का दावा किया गया. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि कनाडा भी अनमोल की हिरासत मांगे.
अमेरिका और कनाडा के बीच भी न सिर्फ प्रत्यर्पण संधि है, बल्कि दोनों के रिश्ते भी काफी अच्छे हैं. वैसे भी अमेरिका में पकड़े जाने से पहले अनमोल बिश्नोई के बारे में यही कहा जा रहा था कि वो भारत से भाग कर कनाडा ही गया था और वहीं रह रहा था. निज्जर हत्याकांड के बाद अनमोल कनाडा से अमेरिका पहुंच गया. अब ऐसी सूरत में ये देखना होगा कि अमेरिका अनमोल को डिपोर्ट करता है या नहीं. यदि डिपोर्ट करता है, तो फिर किसे, भारत को या कनाडा को? कुल मिलाकर अभी ये संशय कायम है कि लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां वापस देश ला पाएंगी या फिर अमेरिका उसे कनाडा को सौंप देगा.
ये तो रही अमेरिका में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी की कहानी. अब आइए ये जानते हैं कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अनमोल की क्या भूमिका रही है. ये कैसे पता चला कि उसने ही इस हत्याकांड की साजिश रची थी. दरअसल, 11 अक्टूबर की रात बांद्रा में बाबा सिद्दीकी की गोली मारने के फौरन बाद दो शूटरों गुरमैल सिंह और धर्मेंद्र कश्यप को गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक ये दोनों शूटर कत्ल से पहले अनमोल के साथ लगातार संपर्क में थे. उससे स्नैपचैट के जरिए बातचीत कर रहे थे. इस मर्डर केस की साजिश से जुड़े कुल 10 लोगों को अब तक पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
इनमें से क्राइम ब्रांच को साजिश में शामिल लोगों के पास से कुल 4 फोन मिले हैं. इन फोन से भी इस बात की तस्दीक होती है कि शूटर बाबा सिद्दीकी के कत्ल से पहले अनमोल बिश्नोई के साथ स्नैपचैट के जरिए संपर्क में थे. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक जिन 3 शूटरों को ये काम अंजाम देना था यानी गुरमैल सिंह, धर्मेंद्र कश्यप और शिवकुमार. ये तीनों ही अलग-अलग वक्त में अनमोल बिश्नोई से स्नैपचैट पर बात कर रहे थे. क्राइम ब्रांच सूत्रों की माने तो ये पहला ऐसा सबूत है जो ये साबित करता है कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शूटर सीधे लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. हालाकि मुंबई पुलिस को ये बात चौकाती नहीं है.
क्योंकि इसी साल अप्रैल में सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर जो शूटआउट हुआ था, उसमें भी अनमोल बिश्नोई वांटेड है. गिरफ्तार 10 लोगों से पूछताछ के बाद अब लगभग ये तस्वीर भी साफ हो गई है कि बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वालों में मेन शूटर की भूमिका शिवकुमार ने निभाई थी. जो पुलिस की गिरफ्त में है. उसे 23 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया है. उसने भी बताया है कि वो पुणे में शुभम लोनकर के जरिए अनमोल के संपर्क में आया था. शुभम ने उसकी कई बार बात कराई थी. इसी बीच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने लॉरेंस के भाई अनमोल के सिर 10 लाख रुपए के इनाम का ऐलान कर दिया है.
वैसे बेशक अनमोल बिश्नोई इस वक्त अमेरिका में हिरासत में है, भारत अमेरिका के रिश्ते को देखते हुए मुमकिन है कि वो भारतीय कानून के शिकंजे में भी आ जाए. लेकिन सवाल ये है कि भारत लाये जाने और जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने दिए जाने के बावजूद क्या लॉरेंस बिश्नोई का गैंग खत्म हो जाएगा. लॉरेंस पिछले दस सालों से भारत की ही जेल में बंद है. ये बात किसी से छिपी नहीं कि इन्हीं दस सालों में उसका साम्राज्य सबसे ज्यादा बढ़ा है. यानी कुल मिला कर सिर्फ जेल की सलाखों के पीछे भेजने से क्राइम कम नहीं होता. वैसे भी उसका अजीज दोस्त गोल्डी बराड़ देश से दूर कनाडा में बैठा हुआ है.
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